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िै ि री के इष्टतम हँ ड चलं ग के नलए सू च नषाएं
िै ि री को नमी और पषानी से र्ू र रखें ।
िै ि री कषा भं ड षारर –20 °C से 50 °C के तषापमषान रें ज में ही
करें । िै ि री को उर्षाहरर के नलए, गममी के मौसम में कषार में न
्ोड़ें ।
िै ि री के वें र िले श न सलॉिस् को सम्य सम्य पर ककसी मु ल षा्यम,
सषाफ और सू ख े ब्श से सषाफ करें ।
चषारजिं ग के िषार् उलले ख नी्य ढं ग से कम कक्यषा ग्यषा सं च षालन
सम्य ्यह र्शषा्ण त षा है कक िै ि री खषाली हो चु क ी है और इसे िर्ल
र्े न षा चषानहए।
ननपिषान के नलए ितषाए गए ननर्दे श ों कषा पषालन करें ।
नवनवध सषामग्ी को जोड़नषा
f पषावर िू ल पर कोई भी कषा्य्ण करने से पहले , जै स े कक
f
रखरखषाव ्यषा कफर उपकरर िर्लते सम्य अथवषा उसे
हिषाने ्यषा सं भ षालकर रखने से पहले िै ि री को पषावर िू ल से
िषाहर ननकषालें । चषालू / िं र् नसवच अनजषाने में चषालू हो जषाने
पर चोि लगने कषा खतरषा है ।
अनतररक्त हैं ड ल
f के वल अनतररक्त हैं ड ल के सषाथ अपने निजली उपकरर कषा
f
उप्योग करें ।(17).
f इस िषात कषा ध्यषान रखें कक अनतररक्त है न डल अच्े से कसषा
f
हुआ है । अन्यतः आप कषाम करते सम्य पषावर िू ल पर
नन्यं त्र र खो सकते हैं । .
अनतररक्त हैं ड ल रु म षाए (नचत्र र्े ख ें A)
आप सु र नक्त और थकषान मु क्त तररके से कषाम करने के नलए
आवश्यकतषानु स षार अनतररक्त हैं ड ल(17) को रु म षाए ।
– ननचे के हैं ड ल के अनतररक्त हैं ड ल(17) को रड़ी कक नवरुद
कर्शषा में रु म षाए और (17)मनचषाहे अवसथषा तक अनतररक्त
हैं ड ल को लषाइए। उसके उपरषां त अनतररक्त हैं ड ल के ननचे
वषाली हैं ड ल को(17) रड़ी कक कर्शषा में रु म षाए।
सु न ननचित करें कक अनतररक्त सं भ षाल पट्षा आवषास पर प्रर्षान
ककए गए खषां च े में नननहत है ।
नड्रल चक और उपकरर कषा च्यन
हथौड़षा और ्े न ी के नलए, आपको एसडीएस-पलस िू ल की
आवश्यकतषा होती है नजसे एसडीएस-पलस नड्रल चक में डषालषा
जषातषा है ।
लकड़ी, धषातु , चीनी नमट्ी और पलषानसिक में प्रभषाव िनषाए निनषा
नड्रचलं ग के नलए और इसके सषाथ-सषाथ पें च लगषाने के नलए,
एसडीएस-पलस (जै स े , िे ल नषाकषार हैं ड ल वषाले नड्रल) के उपकररों
कषा उप्योग कक्यषा जषातषा है । इन उपकररों के नलए आपको
जलर्-गती नड्रल चक ्यषा रिषाउन नगअर नड्रल चक आवश्यक हैं ।
िू ल िर्लनषा
धू ल से सं र क्र करने वषाली िोपी (3) कषाफी हर् तक िू ल धषारक
के अं र् र जषाने से धू ल को रोकती हैं । जि उपकरर सन्मनलत
करनषा हो, सु न ननचित करें कक धू ल िोपी (3) क्नतग्सत नहीं है ।
f क्नतग्सत धू ल िोपी तु र ं त िर्ले | ्यह ग्षाहक से व षा के द्षारषा
f
कक्यषा जषाए तो िहतर हैं , ऐसी हम नसफषाररश करते हैं ।
उपकरर पररवत्ण न (एसडीएस पलस)
एसडीएस डषालें - पलस डषालने उपकरर लगषाए (नचत्र B र्े ख ें )
एसडीएस पलस नड्रल चक के सषाथ, आप आसषानी से और अन्य
ककसी उपकरर के अन्य सहषा्यक उपकरर िर्ल सकते हैं ।
– सहषा्यक उपकरर को सषाफ कर उसे ते ल से ग्ीचसं ग करें ।
– सहषा्यक उपकरर को िू ल धषारक में रु म षाकर जोड़े जितक वह
सव्यं च षानलत प्ररषाली से िं र् न हो जषाए।
– उपकरर उपर खींच कर तषालषा लगषा हैं इसकी जषाँ च करें ।
एसडीएस-पलस एनपलके शन िू ल नससिम के अनु स षार सवतं त्र रूप
से चलने ्योग्य है । ्यह िे क षार में इं ज न िे क षार होनषा , नवचलन
कषा कषारर िन सकतषा हैं । िोरहोल की सिीकतषा पर इसकषा कोई
प्रभषाव नहीं होतषा है , क्योंकक नड्रल नड्रचलं ग के र्ौरषान आतम-
कें करित होतषा है ।
एसडीएस डषालें - पलस डषालने उपकरर ननकषाले (नचत्र C र्े ख ें )
– िं र् होने वषाली सलीवह को (4)पी्े कर अं र् र के उपकरर
िषाहर ननकषाले ।
धू ल / नचप वै क ्यू म ननषकष्ण र
सषामग्ी की धू ल जै स े ्यु क्त लीड पें ि , कु ् लकड़ी की प्रजषानत्यों,
खननज एवं धषातु हषाननकषारक हो सकते है । धु ल से ्यु क्त पें ि लीड
के रूप में सषामग्ी, कु ् लकड़ी प्रजषानत्यों, खननज और धषातु
हषाननकषारक होती हैं । हो सकतषा है इनके के सषाथ सं प क्ण ्यषा सषाँ स
ले न े से उप्योगकतषा्ण ्यषा आसपषास के व्यनक्त्यों को धू ल की एलजमी
और सषां स की िीमषारर्यों कषा कषारर हो सकतषा है ।
नवनशष्ट धू ल जै स े ओक ्यषा िीच की धू ल के रूप में नवशे ष रूप
से लकड़ी उपचषार के नलए ्योजकों कषा सं ्य ोजन ककए हुए
कषारस्ण न ोजन (रिोमे ि , परररक्क लकड़ी) , वगमीकृ त ककए ग्यें हैं ।
एसिे स िस ्यु क्त सषामग्ी पर के वल नवशे ष ज्ों द्षारषाकषाम कक्यषा जषा
सकतषा हैं ।
– ्यकर् सं भ व हो तो एक धू ल ननकषासी प्ररषाली उप्यु क्त सषामग्ी
के नलए कषा उप्योग करें ।
– कषा्य्ण स थल के नलए अच्षा वें ि ीले श न प्रर्षान करें ।
– ्यह कफ़लिर वग्ण P2 के सषाथ एक सु र क्षातमक मषासक पहनने के
नलए नसफषाररश की गई है ।
नजन सषामनग््यों पर कषाम करनषा है , उनके सं र् भ्ण में अपने र्े श में
लषागू प्रषावधषानों कषा ध्यषान रखें ।
f कषा्य्ण सथल पर धू ल को जमषा न होने र्ें । धू ल में आसषानी से
f
आग लग सकती है ।
सं च षालन
कषा्यषा्ण न नवत करनषा
ऑपरे ट िं ग मोड से ि करनषा
प्रभषाव/रु म षाव िं र् करने के ििन(14) के सषाथ नवद्ु त ् उपकरर
के ऑपरे श न कषा मोड़ चु न नए।
– मोड़ िर्लने हे त ु अनलॉक ििन र्िषाकर (13)प्रभषाव/रु म षाव
िं र् करने के ििन (14)इनच्त सथषान पर लषाए जितक
आवषाज न सु न े ।