ट्षां स पोि्ण
अनु श ं न सत ली-आ्यन िै ि री खतरनषाक मषाल कषानू न की
आवश्यकतषाओं के अधीन हैं । उप्योगकतषा्ण के द्षारषा ककसी
अनतररक्त शत्ण के निनषा सड़क पर िै ि रर्यों कषा पररवहन कक्यषा
जषा सकतषा है ।
तृ त ी्य पक् के द्षारषा भे ज े जषाते सम्य (जै स े , हवषाई पररवहन ्यषा
नशचपं ग ) पै क े चजं और ले ि चलं ग से जु ड़ ी नवशे ष आवश्यकतषाओं पर
ध्यषान कर््यषा जषानषा चषानहए। इस मषामले में भे ज ी जषाने वषाली मर्
की पू व ्ण - तै ्य षारी के नलए एक खतरनषाक वसतु नवशे ष ज् की से व षाएँ
ली जषानी चषानहए।
िै ि रर्यों को के वल ति भे ज ें , जि इसकषा आवरर क्नतग्सत नहीं
हो। खु ल े हुए सं प क्ण चिं र् ु ओं को ढक र्ें और िै ि री को इस तरह
से पै क करें कक ्यह पै क े चजं ग में नहले - डु ल े नहीं। कृ प्यषा अन्य लषागू
होने वषाले रषाष्टी्य प्रषावधषानों कषा भी पषालन करें ।
ननपिषान
पषावर िू ल , िै ि रर्यों, सहषा्यक उपकररों और पै क े चजं ग कषा
पु न च्ण रि र प्यषा्ण व रर के अनु क ू ल कक्यषा जषानषा चषानहए।
पषावर िू ल और िै ि रर्यों कषा ननपिषान ररे ल ू कचरे में न
करें !
िै ि रर्यषाँ
लीनथ्यम आ्यन:
कृ प्यषा ट्षां स पोि्ण खं ड में उनललनखत ननर्दे श ों कषा पषालन करें (र्े ख ें
„ट्षां स पोि्ण " , पे ज 293).
hi
293